RodBez – बिहार की सड़कों पर सफ़र का नया भरोसा

RodBez

RodBez – सफ़र की तकलीफ़

अगर आप बिहार में रहे हो तो आप जानते हो कि यहाँ का सबसे बड़ा दर्द क्या है – सफ़र की मुश्किलें।
खासकर वन-वे पैसेंजर्स के लिए।

सोचिए, आपको पटना से दरभंगा जाना है। गाड़ी तो मिल जाएगी। लेकिन जैसे ही आप कहते हैं – “भैया, हमको तो सिर्फ़ दरभंगा जाना है”, ड्राइवर तुरंत जवाब देगा –
“ठीक बा, लेकिन लौटाई के पैसा भी दीजिए।”

और यहाँ से शुरू होता है बिहार का असली ट्रैवल प्रॉब्लम।
लोग मजबूरी में डबल किराया देते हैं। कभी 500 का सफ़र 1000 में, तो कभी 1000 का सफ़र 2000 में।

ये वो सच्चाई है जिससे हर बिहारी गुज़रा है।
स्टूडेंट्स हों, जॉब करने वाले लोग हों, या गाँव लौटने वाले परिवार – सभी इसी तकलीफ़ का शिकार।


क्या सच में कोई हल है?

कई बार लगता था कि ये समस्या कभी खत्म नहीं होगी।
हम सोचते थे – “बिहार में ट्रांसपोर्ट का सिस्टम ऐसा ही रहेगा। यहाँ कोई बदलाव नहीं आ सकता।”

लेकिन एक दिन, एक नाम सामने आया जिसने ये सोच बदल दी –
RodBez।

Rod-Bez क्या है?

Rod-Bez कोई आम टैक्सी सर्विस नहीं है।
ये बिहार का पहला ऐसा ride-sharing app है जो वन-वे पैसेंजर्स की समस्या को सॉल्व करता है।

Rod-Bez app, one-way taxi solution in Bihar

RodBez ने ड्राइवर और पैसेंजर – दोनों की प्रॉब्लम को समझा।
• पैसेंजर को अब डबल किराया नहीं देना पड़ता।
• ड्राइवर को खाली गाड़ी लौटाने का नुकसान नहीं होता।

एक प्लेटफ़ॉर्म, एक समाधान।

दिलखुश कुमार – इस सफ़र के पीछे का चेहरा

कहानी यहीं से इमोशनल हो जाती है।
क्योंकि RodBez सिर्फ़ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक बिहारी की सोच का नतीजा है।

Dilkhush Kumar RodBez founder, Bihar startup success story

दिलखुश कुमार खुद बिहार के गाँव-गाँव सफ़र करते रहे।
उन्होंने देखा –
• स्टूडेंट्स डबल किराया देकर परेशान हैं।
• परिवार वाले सफ़र कैंसिल कर रहे हैं क्योंकि किराया बहुत महंगा है।
• ड्राइवर को भी घाटा उठाना पड़ता है क्योंकि गाड़ी खाली लौटती है।

यहीं से उनके मन में ख्याल आया –
“क्यों ना एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बने, जहाँ ड्राइवर और पैसेंजर दोनों जीतें?”


क्या ये आसान था?

नहीं।
शुरुआत आसान नहीं थी।

लोग कहते थे – “अरे बिहार में ये चलेगा कहाँ? यहाँ तो लोग पुराना तरीका ही मानेंगे।”
लेकिन दिलखुश कुमार ने हार नहीं मानी।

उन्होंने धीरे-धीरे टेस्टिंग शुरू की।
• पटना से गया
• दरभंगा से मधुबनी
• पूर्णिया से कटिहार

हर जगह ट्रायल हुआ। और नतीजा साफ़ था –
लोगों को RodBez पसंद आया।

RodBez का असर – सफ़र अब बदल चुका है

आज RodBez की वजह से बिहार में सफ़र करना पहले से कहीं आसान हो गया है।
• अब Patna to Darbhanga taxi बुक करने पर आपको डबल किराया नहीं देना पड़ता।
• अब Purnea to Patna ride किफ़ायती दामों पर मिल जाती है।
• अब पैसेंजर्स के पास reliable taxi service in Bihar का भरोसा है।

Bihar और बदलाव

ये सिर्फ़ एक ऐप की कहानी नहीं है।
ये उस नए बिहार की कहानी है जहाँ लोग अब सिर्फ़ शिकायत नहीं करते, बल्कि समाधान भी खुद लाते हैं।

पहले कहा जाता था – “बिहार में startup culture कहाँ है?”
लेकिन आज RodBez इस सोच को तोड़ रहा है।

मेरी अपनी नज़र से

जब मैंने पहली बार RodBez के बारे में सुना, तो मेरे दिमाग में वही पुरानी यादें ताज़ा हो गईं –
• ट्रेन छूट गई और मजबूरी में टैक्सी से जाना पड़ा।
• घर पहुंचने का किराया इतना ज्यादा था कि लगा – “काश कोई और रास्ता होता।”

लेकिन आज मुझे लगता है – हाँ, रास्ता है।
और वो रास्ता है – RodBez।


आगे क्या?

सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या RodBez सिर्फ़ बिहार तक रहेगा या पूरे भारत में छा जाएगा?

दिलखुश कुमार कहते हैं – “हमारा सपना सिर्फ़ बिहार तक सीमित नहीं है। हम चाहते हैं कि RodBez पूरे देश में चले। ताकि हर पैसेंजर को इज़्ज़त और सस्ता सफ़र मिल सके।”

RodBez सिर्फ़ एक taxi service नहीं है।
ये भरोसा है।
ये उम्मीद है।
ये उस बिहार की पहचान है जो अब अपने लिए रास्ते खुद बना रहा है।

आज अगर कोई मुझसे पूछे कि – “बिहार में सफ़र करना कैसा है?”
तो मैं एक ही जवाब दूँगा –
“हमरा RodBez बा, अब चिंता काहे के?”

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